₹25,000 से विदेशों में Business GFP के वैभव शर्मा के साथ बिजनेस का आसान रास्ता

पॉडकास्ट सारांश: वैभव शर्मा (जीएफपी) के साथ वैश्विक व्यवसाय का ककहरा

होस्ट: Gurmeet Singh
अतिथि: वैभव शर्मा, संस्थापक और सीएमडी, ग्लोबल फेडरेशन ऑफ एंटरप्रेन्योर्स (जीएफपी)

होस्ट का परिचय:
यह पॉडकास्ट वैश्विक स्तर पर व्यवसाय करने की एक मास्टरक्लास है। चाहे आप एक छोटी सी दुकान चलाते हों या स्टार्टअप शुरू करने का सपना देखते हों, यह बातचीत आपको दिखाएगी कि कैसे राष्ट्रीय सीमाएं पार करके एक अंतरराष्ट्रीय उद्यम खड़ा किया जा सकता है। हमारे अतिथि, वैभव शर्मा, ने जीएफपी के माध्यम से एक ऐसी प्रणाली बनाई है जो विशेष रूप से सीमित धन या ज्ञान वाले उद्यमियों का हाथ थामती है, ताकि वे 35 देशों में सफलतापूर्वक निर्यात, आयात और ई-कॉमर्स कर सकें।


1. GFP क्या है और यह किसके लिए है?

होस्ट: जीएफपी वास्तव में क्या है?
वैभव: जीएफपी का मतलब है ग्लोबल फेडरेशन ऑफ एंटरप्रेन्योर्स। इसे एक वैश्विक मिशन वाला एक चैंबर ऑफ कॉमर्स समझिए। हम व्यवसायिक विकास के लिए एक प्लेटफॉर्म हैं, जिसमें 35 देशों में जुड़े 25,000 से अधिक सदस्य परिवार हैं। हमारा आदर्श वाक्य है, “पैसे की कमी के कारण प्रतिभा रुकनी नहीं चाहिए।” हम अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय करना चाहने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए प्रशिक्षण, हैंड-होल्डिंग और एक पूर्ण इकोसिस्टम प्रदान करते हैं।

होस्ट: तो, आप बिना किसी पृष्ठभूमि या पूंजी वाले लोगों की मदद करते हैं?
वैभव: बिल्कुल। हमने उन जुनूनी, प्रतिभाशाली युवाओं के लिए विशेष मॉडल बनाए हैं जिनमें संसाधनों, ज्ञान या समर्थन की कमी है। हम उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सशक्त बनाने में विश्वास करते हैं।


2. आयात बनाम निर्यात: भारतीय परिदृश्य और सरकारी समर्थन

होस्ट: पिछले 15 वर्षों में, भारत का आयात या निर्यात अधिक बढ़ा है?
वैभव: पारंपरिक रूप से, भारत का आयात बिल भारी रहा है, जिससे मुद्रा का बहिर्प्रवाह हुआ है, जो एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए एक चुनौती है। हालाँकि, अब यह रुझान बदल रहा है। निर्यात बढ़ रहे हैं, और नवीकरणीय ऊर्जा पहलों की बदौलत आयात (जैसे कच्चा तेल) घट रहे हैं। सरकार निर्यात बढ़ाने के लिए Aggressively काम कर रही है, इसीलिए आप देखते हैं कि लगभग हर चीज़ पर जीएसटी है सिवाय निर्यात पर। यह दर्शाता है कि सरकार के लिए निर्यात कितने महत्वपूर्ण हैं।

होस्ट: तो, फोकस ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर है।
वैभव: हां, और यह काम कर रहा है। भारत अब दोपहिया वाहनों का दुनिया का सबसे बड़ा निर्माता है, कृषि वस्तुओं का एक प्रमुख उत्पादक है, और प्याज का सबसे बड़ा निर्यातक है। आईफ़ोन और वोक्सवैगन कारें यहाँ बनाई जा रही हैं। ‘मेक इन इंडिया’ का लेबल एक शक्तिशाली वैश्विक पहचान बनता जा रहा है।


3. GFP कैसे काम करता है: एक लाइव केस स्टडी

होस्ट: एक उदाहरण से समझाइए। जीएफपी एक व्यवसाय, मान लीजिए एक गारमेंट निर्माता की मदद कैसे करता है?
वैभव: हमारे पास हैदराबाद का एक क्लाइंट था जो टी-शर्ट बनाता था। हमारी दुबई टीम ने उसे वहां के होलसेल मार्केट में खरीदारों से जोड़ा। हमने वर्चुअल और फिजिकल मीटिंग्स का आयोजन किया। भारत में ही बेचने वाला वह अब सिर्फ दुबई में 10 गुना अधिक बेचता है। सबसे अच्छी बात? जब आप दिरहम जैसी मुद्रा (1 दिरहम = ~24 रुपये) में व्यवसाय करते हैं, तो आपका राजस्व कई गुना बढ़ जाता है।

होस्ट: लेकिन आप लॉजिस्टिक्स, शिपिंग और कस्टम क्लीयरेंस की समस्या कैसे हल करते हैं?
वैभव: हमारे पास हर कदम के लिए समर्पित डेस्क के साथ एक पूर्ण-प्रमाणित इकोसिस्टम है:

  • सोर्सिंग डेस्क: भारत में आपूर्तिकर्ताओं को ढूंढती है।
  • भारतीय क्लीयरिंग डेस्क: भारतीय बंदरगाहों पर सीमा शुल्क संभालती है।
  • विदेशी क्लीयरिंग डेस्क: गंतव्य देश में सीमा शुल्क प्रबंधित करती है।
  • खरीदार डेस्क: आपको वास्तविक अंतरराष्ट्रीय खरीदारों से जोड़ती है।

हम उस प्रक्रिया को सरल बनाते हैं जिसे सीखने में किसी को अपने आप 3-5 साल लग सकते हैं, उसे महज 3 महीने में समेट देते हैं।


4. क्या निर्यात करें? अवसरों की पहचान

होस्ट: किन भारतीय उत्पादों में उच्च निर्यात क्षमता है?
वैभव: भारत उन वस्तुओं के निर्यात में माहिर है जहां मैनुअल श्रम शामिल होता है, कम श्रम लागत के कारण। इसमें शामिल हैं:

  • कृषि: फल, सब्जियां, मसाले।
  • टेक्सटाइल: परिधान।
  • हस्तशिल्प: होम फर्निशिंग आइटम, सजावटी लाइट्स।
  • अन्य: इमिटेशन ज्वैलरी, खिलौने।

सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ (ODOP) योजना इसी के साथ पूरी तरह से मेल खाती है। हम इन जिलों के व्यवसायों को उनके विशिष्ट उत्पाद के लिए शीर्ष 5 अंतरराष्ट्रीय बाजार ढूंढने में मदद करते हैं।


5. वित्तीय पहलू: लागत, गारंटी, और छोटी शुरुआत

होस्ट: जीएफपी के साथ शुरुआत करने में कितना खर्च आता है?
वैभव: एक पूर्ण ए-टू-जेड सेटअप, जिसमें प्रशिक्षण, दस्तावेज़ीकरण और प्रारंभिक शिपमेंट निष्पादित करना शामिल है, के लिए हम लगभग 1.5 लाख रुपये चार्ज करते हैं। यह आपको एक आजीवन निर्यातक बना देता है।

होस्ट: क्या आप इससे भी कम, मान लीजिए 25,000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं?
वैभव: हाँ! आप ई-कॉमर्स (अमेज़न, ईबे) के माध्यम से छोटे शिपमेंट या एलसीएल (लेस दैन कंटेनर लोड) शिपमेंट के जरिए शुरुआत कर सकते हैं। हमारे पास एक पार्टनरशिप मॉडल भी है जहां आप एक्सपोजर और गारंटीड रिटर्न पाने के लिए हमारे मौजूदा शिपमेंट में निवेश कर सकते हैं, बिना पूरी प्रक्रिया स्वयं संभाले।

होस्ट: भुगतान सुरक्षा के बारे में क्या? यह एक बड़ा डर है।
वैभव: यह जीएफपी की मुख्य विशेषता है। हम भुगतान सुरक्षा के लिए एक लिखित गारंटी प्रदान करते हैं। माल विदेश में हमारी कंपनी के गोदाम में भेजा जाता है। खरीदार वहां माल का निरीक्षण करता है, हमें भुगतान करता है, और फिर डिलीवरी लेता है। फिर हम भुगतान आपको ट्रांसफर कर देते हैं। यह एक नए भारतीय निर्यातक और एक अंतरराष्ट्रीय खरीदार के बीच के विश्वास के अंतर को पाटता है।


6. भारतीय युवाओं के लिए चुनौतियां और दुबई का लाभ

होस्ट: भारतीय युवाओं के लिए सबसे बड़ी चुनौतियाँ क्या हैं?
वैभव: सपोर्ट सिस्टम मौजूद है; सरकार के पास शानदार योजनाएं हैं। युवाओं को केंद्रित दिशा और उच्च-स्तरीय हैंड-होल्डिंग की आवश्यकता है, जो जीएफपी प्रदान करता है। भारत के 65% युवा होने के साथ, सही दिशा हमें वैश्विक नंबर एक बना सकती है।

होस्ट: आप अक्सर दुबई का जिक्र करते हैं। वहां व्यापार करना आसान है?
वैभव: दुबई महान सुरक्षा, उच्च रिटर्न, कम कर और व्यापार में आसानी प्रदान करता है। हालाँकि, मजबूत लॉबी (जैसे पाकिस्तानी, बांग्लादेशी) हैं जो नए भारतीय व्यवसायियों के लिए समस्याएँ पैदा कर सकती हैं – ठगी, धोखाधड़ी, आदि। चूंकि दुबई में हमारा एक मजबूत सेटअप और नेटवर्क है, हम अपने सदस्यों को मार्गदर्शन देते हैं कि किसके साथ काम करें और किससे बचें, जिससे उन्हें संभावित संघर्ष के वर्षों की बचत होती है।


7. सेवा निर्यात और बड़ी तस्वीर

होस्ट: यह सिर्फ सामान के बारे में नहीं है। सेवाओं के बारे में क्या?
वैभव: सेवा निर्यात बहुत बड़ा है! एक सीए जो भारत में जीएसटी फाइलिंग के लिए सालाना 15,000 रुपये लेता है, वह दुबई में उसी सेवा के लिए प्रति माह 500 दिरहम चार्ज कर सकता है। डिजिटल मार्केटर्स, वीडियो एडिटर्स और पॉडकास्ट निर्माता भारत से रहकर अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों को सेवाएं दे सकते हैं और विदेशी मुद्रा में भुगतान प्राप्त कर सकते हैं। हम उनकी सेवाओं को परिभाषित करने, वेबसाइट बनाने और बड़ी भारतीय आबादी वाले देशों को लक्षित कर वेबिनार के माध्यम से लीड जेनरेट करने में उनकी मदद करते हैं।


वैभव शर्मा से मुख्य बातें:

  • दिन एक से वैश्विक सोचें: एक छोटे घरेलू व्यवसाय की भी वैश्विक दृष्टि हो सकती है।
  • संघर्ष पर सिस्टम: स्क्रैच से कनेक्शन बनाने में सालों बर्बाद करने के बजाय जीएफपी जैसे स्थापित इकोसिस्टम का लाभ उठाएं।
  • छोटा शुरू करें, बड़ा सोचें: आप ई-कॉमर्स निर्यात के माध्यम से 25,000 रुपये से शुरुआत कर सकते हैं।
  • भुगतान सुरक्षा महत्वपूर्ण है: भुगतान सुरबंद होने तक माल को अपने विदेशी गोदामों में रोककर रखने का जीएफपी का मॉडल नए निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर है।
  • दुनिया आपका बाजार है: किसानों से लेकर सॉफ्टवेयर डेवलपर्स तक, हर भारतीय उद्यमी के पास एक वैश्विक अवसर है।

जीएफपी से कैसे जुड़ें:
आप जीएफपी को उनके YouTube चैनल “GFE Business Trade & Travel News”, उनकी वेबसाइट (gfbusiness.org), और उनके प्लेटफॉर्म (globps.org) पर पा सकते हैं। उनका iOS एप्लिकेशन भी प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।

(होस्ट के समापन शब्द)
इस वार्तालाप ने यह प्रकट किया कि विदेश में व्यापार करना न केवल संभव है, बल्कि सुरक्षित और अत्यधिक लाभदायक हो सकता है। यदि आपके पास एक उत्पाद, एक कौशल, या एक दृष्टि है, तो जीएफपी जैसी प्रणालियाँ आपके स्थानीय सपने को वैश्विक वास्तविकता में बदल सकती हैं।

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